उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल इस प्रकार होगा नॉर्मलाइजेशन इन शिफ्ट को मिलेगा फायदा
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल इस प्रकार होगा नॉर्मलाइजेशन इन शिफ्ट को मिलेगा फायदा: बोर्ड
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल 23 अगस्त प्रथम पालिका पेपर: PDF
दोस्तों आज की इस नई पोस्ट के माध्यम से हम लोग जानेंगे उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2024 के नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर के बहुत सारे अभ्यर्थियों के मन मे बाल बना हुआ है कि नॉर्मलाइजेशन को लेकर की क्या कुछ अपडेट सामने निकल कर आ रहा है आप सभी को बताना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश पुलिस में इस बार 23 24 25 30 और 31 अगस्त को परीक्षाएं संपन्न कराई जाएगी पांच दिनों की 10 शिफ्टों में कराई गई परीक्षा में आप सभी को पता है कि नॉर्मलाइजेशन होना तय है इसी को लेकर के जो परीक्षा एग्जाम देने जा रहे हैं उनके मन में सवाल बना हुआ है कि आखिर किस को नॉर्मलाइजेशन का सबसे अधिक लाभ मिलेगा तो लिए हम लोग नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को आसान शब्दों में समझते हैं और यहां से आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं कि नॉर्मलाइजेशन का क्या रोल रहने वाला है और किसको ज्यादा फायदा मिलने वाला है
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया यहां समझे: Click Here
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दोस्तों नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर के लगातार लगातार परीक्षाओं में सवाल बनता आ रहा है कि नॉर्मलाइजेशन आखिर भारती बोर्ड किस प्रकार से करता है तो लिए हम लोग समझते हैं कि नॉर्मलाइजेशन की आसान भाषा प्रक्रिया क्या है आप सभी को पता है कि उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की 10 फलियां में परीक्षा कराई जाएगी प्रत्येक पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देने जाएंगे अब यहां पर भर्ती बोर्ड का में जो दिक्कत रहेगी कि अगर प्रश्न पत्र को सामान लेवल का बनाते हैं तो कहीं ना कहीं पीछे जिनकी भी परीक्षा है उनको काफी ज्यादा बेनिफिट मिलने वाला है इसी के बिहार पर बहुत सारे बच्चों का नॉर्मलाइजेशन को लेकर प्रश्न बना हुआ है आप सभी को बताना चाहता हूं कि नॉर्मलाइजेशन को लेकर के पेपर की डिफिकल्टी लेवल और पेपर में ऊपर से टॉप अभ्यर्थियों की सूची देखी जाती है उसके भी है पर नॉर्मलाइजेशन किया जाता है मां के चलिए अगर आपका पेपर 30 और 31 अगस्त को होता है और आपकी पेपर की डिफिकल्टी लेवल बढ़ जाती है खाने का मतलब यह है कि जिनके भी 24 25 को एग्जाम था उनके पेपर में अगर 10 प्रश्न टॉप पूछे हैं 30 और 31 अगस्त की परीक्षा में काम से कम 15 से 20 कठिन प्रश्नों को दिया जा सकता है जिसके भी है पर नॉर्मलाइजेशन पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है लेकिन अगर पेपर का लेवल बराबर रखा जाता है 10 की 10 शिफ्ट का तो यहां पर नॉर्मलाइजेशन में काम से कम 10 से 15 नंबर का भी अंतर देखने को मिल सकता है तो काफी कुछ डिपेंड करेगा की भर्ती बोर्ड 30 और 31 अगस्त को जो परीक्षा है उसमें पेपर का लेवल कैसा रखता है क्योंकि पेपर के लिए अभ्यर्थियों को 5 से 6 दिनों की ज्यादा टाइमिंग भी मिल रही है इसलिए जिनका भी 30 और 31 अगस्त को परीक्षा है अगर पेपर का लेवल कठिनाई नहीं बनाया गया तो उनको नॉर्मलाइजेशन में बेनिफिट नहीं नहीं मिलेगा और उनके मार्क्स काम हो सकते हैं हालांकि यह सब कुछ डिपेंड करता है कि पेपर का डिफिकल्टी लेवल क्या है अगर पेपर डिफिकल्ट बनाया जाता है और प्रश्नों को कठिनाई पूर्वक रखा जाता है तो यहां पर अभ्यर्थियों को नॉर्मलाइजेशन का भी बेनिफिट मिल सकता है ऐसा नहीं है कि उनकी परीक्षा देर में हो रही है तो अगर पेपर का लेवल कठिन बनाया गया तो उनको नॉर्मलाइजेशन का बेनिफिट ना मिले ठीक है अगर पेपर का लेवल कठिन बनाया जाता है तो 30 और 31 अगस्त को भी जिनकी परीक्षा है उनको भी नॉर्मलाइजेशन का अच्छा खासा लाभ मिलेगा बाकी नॉर्मलाइजेशन की पूर्ण प्रक्रिया कंप्यूटर आधारित होती है इसको समझाना डकवर्थ लुईस मैच के बराबर है
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